Sunday, October 14, 2012

मलाला, हमें तुमपर नाज़ है.....


मलाला, इतनी कम उम्र में तुमने अब्बू से अच्छी और सच्ची तालीम हासिल की है ..विश्व का हर एक नागरिक तुम्हारी रिकवरी की दुआ कर रहा है. अच्छी शिक्षा इंसान को बेहतर बनाती है....भारत में वेदों, पुरानों,महाकाव्यों में असीम ज्ञान का भण्डार 
है, मगर हमारे पास उन्हें पढने के लिए वक़्त नहीं है...बचपन में स्कूल का टेंशन, कॉलेज में डिग्री का टेंशन और बाद में नौकरी, फिर शादी, फिर बच्चे.... फिर गृहस्थ जीवन के जाल में व्यस्त....

१२-१८ वर्ष इंसान के बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ....इस समय दिमाग परिपक्व होने की तयारी में रहता है...इसी उम्र के पडाव पर यदि जीवन का सही मार्गदर्शन हो तो सम्पूर्ण जीवन की धारा ही अलग हो जाती है....हम औरों से अलग सोचने लगते हैं, जीवन का उद्देश्य बदल जाता है.....आज हमारे समाज में मलाला जैसी सोच की जरुरत है, कुछ करने का जज्बा, किसी और के लिए जीने का जज्बा......

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