अंशुमान तिवारी जी, अर्थशाश्त्र के अद्भुत ज्ञाता
कल ही अंशुमान तिवारी जी, जो अर्थशाश्त्र के अद्भुत ज्ञाता हैं, उनका लेख पढ़ रहा था. उन्होंने बहुत खूब कहा - "यदि दुनिया में चिंताओं को नापने का कोई ताजा सूचकांक बनाया जाए तो डगमगाता अमेरिका और डूबता यूरोप उसमें सबसे ऊपर नहीं होगा। दुनिया तो अब थमते चीन को लेकर बेचैन है। ग्लो्बल ग्रोथ का यह टर्बोचार्ज्ड इंजन धीमा पड़ने लगा है। चीन अब केवल एक देश का ही नाम नही बलिक एक नए किस्म की ग्लोबल निर्भरता का नाम भी है। दुनिया की दूसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था की फैक्ट्रियों में बंद मशीनों को देख कर ब्राजील, अफ्रीका और अमेरिका की खदानों से लेकर ताईवान व कोरिया के इलेक्ट्रानिक केंद्रो तक डर की लहर दौडने लगी है। चीन की ग्रोथ में गिरावट दुनिया की सबसे बड़ी बहुआयामी चुनौती है। सुस्त पडता चीन विश्व की कई कंपनियों को दीवालिया कर देगा।"
आज उन्हें मैं एक पत्र लिख रहा हूँ :-
सर,
मैं आपके लेखों का नियमित पाठक हूँ. आपके आर्थिक लेखो में मेरी भरपूर जिज्ञासा रहती है. कुछ सवाल हैं जो आपसे पूछने हैं.
चीन अपने सस्ते लेबर के लिए जाने जाना वाला देश है. विश्व भर की कई कम्पनियां चीन आकर अपने उत्पाद का उत्पादन करती हैं, भले ही उसमे लेबल लगा हो मैन्युफैक्चर्ड इन चाइना या मेड इन चाइना. खैर, मुझे बस आपसे ये जानना है कि प्रोडक्ट की विश्वसनीयता को हम कैसे परखेंगे कि हमारे द्वारा ख़रीदा गया नोकिया मोबाइल सेट या अन्य प्रोडक्ट में क्या अविश्वसनीय और गैर टिकाऊ चीनी कल-पुर्जे मिले रहेते हैं.
आपके उत्तर का इंतज़ार रहेगा
आपका आभारी,
संसार लोचन
1 comment:
आ. लोचन जी
अर्थार्थ पढ़ने के लिए आभार।
यह पता लगाना मुश्किल है कि किस कंपनी के उपकरण में लगा कौन सा पुर्जा चीन का बना है। इसमें तो हम उस उत्पाद के ब्रांड की गारंटी पर भी भरोसा कर सकते हैं। वैसे यह धारणा भी पूरी तरह सही नहीं है कि चीन में बनने में सभी उत्पाद घटिया या गैर टिकाऊ हैं। एपल आईपैड से लेकर दुनिया की सबसे अच्छी कारों के पुर्जे तक वहां बनते हैं और गुणवत्ता बेहतर होती है। चीन का उद्योग क्वालिटी भी बनाता है और सस्ता माल भी। तभी तो चीन की कंपनियों के पास बाजार में हर तरह के विकल्प देने की क्षमता है।
अंशुमान
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